
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले जानें ये 5 जरूरी बातें
बड़ी बीमारियों से जूझने के खर्चे सँभालने हुए अब और आसान |

बीमा सिर्फ होस्पिटलीसाशन नहीं, रिकवरी में भी मदद करता है ।
क्रिटिकल इलनेस बीमा अस्पताल के खर्चे ही नहीं, बल्कि इलाज के बाद के खर्च, दवा, घर बैठे इलाज और इनकम लॉस में भी सहयोग करता है।

सभी बीमारियों को कवर नहीं करता है ।
हर क्रिटिकल प्लान सभी गंभीर बीमारियों को कवर नहीं करता। कवर की गई बीमारियों की सूची पढ़ना और समझना ज़रूरी है।

लम्पसम राशि मिलती है ।
डायग्नोसिस के बाद, पॉलिसीधारक को एकमुश्त राशि मिलती है। यह आपकी ज़रूरतों के अनुसार खर्च की जा सकती है, चाहे इलाज हो या घरेलू खर्च।

वेटिंग पीरियड और सरवाइवल क्लॉज को समझें ।
हर प्लान में वेटिंग पीरियड होता है। कुछ पॉलिसी में डायग्नोसिस के बाद एक निश्चित समय तक सरवाइवल पीरियड होता है।

पहले से मौजूद बीमारियों पर नियम अलग हो सकते हैं ।
अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, तो बीमा कंपनी उसकी कवरेज को सीमित कर सकती है या प्रीमियम बढ़ा सकती है।

Critical Illness Insurance को हेल्थ प्लान के साथ लें ।
Niva Bupa के साथ आप पा सकते हैं भरोसेमंद और व्यापक क्रिटिकल इलनेस कवरेज ताकि हर परिस्थिति में आप और आपका परिवार रहें निश्चिंत।